best hindi story Secrets
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सलीम जब उस बच्चे को लेकर जाने लगा बकरी समझ गई। उसके बच्चे को यह लोग ले जा रहे हैं।
पिंटू दौड़कर अपनी मां को बुला लाता है।
The novel delves into your intricacies of their marriage, inspecting the societal anticipations, ethical dilemmas, and private sacrifices they deal with. As the figures navigate the difficulties posed by enjoy, responsibility, and honour, the novel raises profound questions on the character of fine and evil. This Hindi fiction book is celebrated for its deep exploration of human emotions along with the philosophical themes it addresses.
आधुनिक बनने का प्रदर्शन करते शहरी मध्यवर्गीय परिवार के करियरिज़्म पर एक तीखी टिप्पणी की तरह है यह एक और अविस्मरणीय कहानी.
मरने के पहले पागल बिशन सिंह की गाली, भारत और पाकिस्तान के लहूलुहान बंटवारे पर एक ऐसी टिप्पणी बन जाती है, जो अब विश्व कथा साहित्य में एक गहरी, मार्मिक, अविस्मरणीय मनुष्यता की चीख़ के रूप में हमेशा के लिए उपस्थित है :
रास्ते में उसे गोलू के जेब से गिरी हुई टॉफी मिल गई। रानी के भाग्य खुल गए। उसे भूख लग रही थी और खाने को टॉफी मिल गया था। रानी ने जी भर के टोपी खाया अब उसका पेट भर गया।
मोरल – एक साथ मिलकर रहने से बड़ी से बड़ी चुनौती दूर हो जाती है।
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश
टेलीग्राम: इंटरनेट की वो 'स्याह दुनिया' जो अपराधियों के लिए जन्नत बन गई है
मोरल – संसार में मां की ममता का कोई जोड़ नहीं है अपनी जान विपत्ति में डालकर भी अपने बच्चों के हित में कार्य करती है।
चिंटू काफी मशक्कत करता है फिर भी वह बाहर नहीं निकल पाता।
‘क्यों बिरजू की माँ, नाच देखने नहीं जाएगी क्या?’ बिरजू की माँ शकरकंद उबाल कर बैठी मन-ही-मन कुढ़ रही थी अपने आँगन में। सात साल का लड़का बिरजू शकरकंद के बदले तमाचे खा कर आँगन में लोट-पोट कर सारी देह में मिट्टी मल रहा था। चंपिया के सिर भी चुड़ैल मँडरा फणीश्वरनाथ रेणु
मोरल – संत की संगति में दुर्जन भी सज्जन बन जाते हैं।
Impression: Courtesy Amazon Initially printed in 1927, this Hindi fiction guide is usually a poignant exploration of social challenges and human thoughts in early 20th-century India. The story revolves round the protagonist, Nirmala, a youthful and harmless bride who will become a victim of societal norms, customs, as well as prevailing patriarchy. Premchand skillfully weaves a narrative that delves to the severe realities confronted by Women of all ages in the conservative Culture. Nirmala’s journey is marked by tragedy, as she navigates from the more info complexities of a dysfunctional relationship, societal expectations, as well as troubles of being a lady in that period.